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अखंड भारत की सीमाएं कहाँ तक थीं? जानिए कौन-कौन से देश अलग हुए

 

क्या आप जानते हैं कि प्राचीन भारत की सीमाएं आज के कितने देशों तक फैली थीं? 'अखंड भारत' एक विचार नहीं, इतिहास में वर्णित एक विशाल भूभाग है, जिसमें आज कई स्वतंत्र देशों शामिल हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि अखंड भारत की सीमाएं कहाँ तक थीं और कौन-कौन से देश इससे अलग होकर स्वतंत्र राष्ट्र बने।

अखंड भारत: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

'अखंड भारत' का मतलब है वह भारतवर्ष जिसकी सीमाएं प्राचीन युग में बहुत विस्तृत थीं। मौर्य, गुप्त और अन्य महान साम्राज्यों के दौरान भारत का भूगोल आज के कई देशों तक फैला हुआ था। यह अवधारणा न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आज भी कई संगठनों और विचारधाराओं में जीवित है।

अखंड भारत में शामिल वर्तमान देश

Ancient India's boundaries were so expansive that within them existed today's following countries:

1) अफगानिस्तान: मौर्य साम्राज्य के काल में अफगानिस्तान का अधिकांश हिस्सा भारत का हिस्सा था।

2) पाकिस्तान: 1947 से भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।

3) बांग्लादेश: 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्र होकर बांग्लादेश बना।

4) नेपाल: प्राचीन समय में नेपाल भारत के सांस्कृतिक और राजनीतिक अनुसरण में था।

5) भूटान भी ऐतिहासिक रूप से भारत के प्रभाव क्षेत्र में रहा है।

6) म्यांमार (बर्मा): 1937 में ब्रिटिश भारत से अलग होकर म्यांमार एक स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई बना।

7) श्रीलंका: रामायण काल से ही श्रीलंका का भारत से गहरा संबंध रहा है।

8) तिब्बत: प्राचीन भारत और तिब्बत के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध थे।

9) मालदीव: मालदीव भी भारत के समुद्री व्यापार और सांस्कृतिक प्रभाव में था।

अखंड भारत के विघटन के प्रमुख कारण

अखंड भारत के विघटन के पीछे कई ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक कारण थे:


ब्रिटिश उपनिवेशवाद: ब्रिटिश शासन ने 'फूट डालो और राज करो' की नीति अपनाई, जिससे भारत के विभिन्न हिस्सों में विभाजन की भावना बढ़ी।

धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता: भारत की विविधता को विभाजन का कारण बनाया गया, विशेषकर हिंदू-मुस्लिम विभाजन।


राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं: स्थानीय नेताओं और शासकों की विभिन्न महत्वाकांक्षाओं ने भी विभाजन को प्रोत्साहित किया।

आधुनिक संदर्भ में अखंड भारत

आज भी 'अखंड भारत' का विचार विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों में चर्चा का विषय बना हुआ है:


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS): RSS ने हमेशा अखंड भारत की समर्थन किया है और इसे अपने विचारधारा का हिस्सा माना है।

राजनीतिक बयान: 2015 में प्रयागराज रिटनर्ड एसएससी अधिकारी के रूप में RSS नेता राम माधव ने यह बयान दिया था कि एक दिन भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश फिर से एकजुट हो सकते हैं।


नया संसद भवन: 2023 में भारत के नए संसद भवन में अखंड भारत का एक मानचित्र दिखाया गया, जिससे पड़ोसी देशों में चिंता उत्पन्न हुई।

कब कब अलग हुए देश 

सबसे पहले बात करते हैं अफगानिस्तान की तो 18वीं सदी में इसे अहमद शाह अब्दाली ने एक आजाद देश के तौर पर स्थापित किया. साल 1937 में अखंड भारत से आज के म्यांमार जो पहले बर्मा हुआ करता था उसको अलग कर दिया गया. नेपाल और भूटान भी अखंड भारत से टूटकर अलग हुए. 1814 से 1816 में गोरखा युद्ध के बाद नेपाल ने सिक्किम, कुमाऊं, गढ़वाल, तराई को ब्रिटिश भारत को सौंप दिया था. तिब्बत का कुछ हिस्सा पहले भारत के हिस्से में था लेकिन बाद में 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया. आज ये देश भारत से अलग होने के बावजूद भी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े हुए हैं.

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